"इस महामारी में हमने बहुत कुछ खोया है, आज इस वक्त ने आँखें नम की हैं,इतनी मुश्किलों से गुजरता जा रहा फिर भी चट्टान बनकर खड़ा है, आज मेरा देश एक दुसरे की हिफाजत में एक साथ खड़ा है।"
" मेरे वतन को हर मुश्किल आजमा लेती है और हारकर घुटनों के बल झुक जाती है और फिर एक ही आवाज आती है चाहें कितने भी अलग हैं यहां के लोग लेकिन वतन की बात आती है तो सबका खून एक हो जाता है।"
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को।
ललित राज....✍️