हस्र
हस्र क्या हो ,
हसरतों को
जो हंसी में उड़ा गया
भीगी पलकों के तले
आंसुओं को छुपा गया ।
तमन्ना जो पाने की थी
वो तो मिला नहीं
जो मिला उसे
दूसरों पर लुटा गया ।।
ए हवा तू
नुमाइश ना कर अब
जो खुद का साथ
मुझसे छुरा गया ।
हस्र क्या हो
हसरतों को जो
हंसी में उड़ा गया
वक्त को जो
वक्त से ही चुरा गया ।
Arjuna Bunty.