# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .कर्मा "
# कविता ***
मेरा कर्मा तू ,मेरा धर्मा तू ।
तू ही मेरा रहमो करम ,तू ही ईमान तू ।।
तेरी कृपा से ,भवसागर पार करुँ ।
ये मेरी अंतिम ,अभिलाषा तू ।।
अब तो रहम कर ,इस जग पर तू ।
हम सब तेरे ,पुत्र समान ठहरे ।।
क्यूँ सताता है ,अपने पुत्रों को तू ।
हम तो तेरे दिल ,के टूकड़े ठहरे ।।
अब तो तेरी माया ,समेट ले प्रभु तू ।
सब प्राणों के लिए ,तरस रहे ।।
अपनी अमी की ,वर्षा कर तू ।
तेरे को निश दिन ,सब पुकार रहे ।।
दयासागर तुझे कहते ,
अब तो करुणा बरसा दें ।
इस संसार में सब ,अमन चाहते ।।
कुछ सुकून के पल ,हमको तू दे दें ।
अब फिर भुल नहीं होगी ,अहम् छोड़ तेरी शरण आयें ।।