#उपहास
करे जो कोई तेरा उपहास,
ना,घबरा दुनिया के तानों पे ।
मिले जो कोई समुन्द्र तूजको,
बन,जा तू तेल की बूंद ।
मिले जो कोई रावण सा,
बन जा तू श्री राम सा ।
मिले जो कोई आग सा,
बन जा तू बारिश की बूंद ।
मिले जो उपहास के ठैले,
ना,बदल तू अपनी राहें ।
उपहसो में इतना दम कहां?
जो तुजको सिकंदर बनने से रोके।
Mahek Parwani