#उपहास
करे जो कोई तेरा उपहास,
ना,घबरा दुनिया के तानों पे ।

मिले जो कोई समुन्द्र तूजको,
बन,जा तू तेल की बूंद ।

मिले जो कोई रावण सा,
बन जा तू श्री राम सा ।

मिले जो कोई आग सा,
बन जा तू बारिश की बूंद ।

मिले जो उपहास के ठैले,
ना,बदल तू अपनी राहें ।

उपहसो में इतना दम कहां?
जो तुजको सिकंदर बनने से रोके।
Mahek Parwani

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111535117

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