रूबरू वो होते तो... #हिंदी कविता
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रूबरू वो होते तो
हाल-ए-दिल सुनाए जाते…..
उनसे दूर रहकर
बीती कैसी ये बिरहा की रातें
अश्कों का समुंदर बहाकर
उन्हें बताएं जाते…..
तडपा कैसे ये दिल
बैचेनी इस दिल की उनके बिन
सुलग ये जख्मों की दिखाकर
हम यूहीं मुस्कुराए जाते….
सुने इस जहाँ में
वीरान आसमाँ में
गुमसुम चाँदनीयों में
तन्हा इक चाँद के साथ
प्यारा-सा एक घरौंदा बसाएँ जाते……
रुबरु वो होते तो
हाल - ए - दिल सुनाए जाते…..
…. ©सौ. गीता विश्वास केदारे…..
मुंबई