Hindi Quote in Good Evening by ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़

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शुभ संध्या वंदन शनिवार जय बजरंगबली हनुमान जय शनिदेव महाराजशुभ संध्या वंदन शनिवार जय बजरंगबली हनुमान जय शनिदेव]
देव आरती हनुमान जी की एवं शनि देव जी की ब्रह्मदत्तत्यागी संध्या वंदन शनिवार जय बजरंगबली हनुमान जय बजरंगबली हनुमान ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़:
सभी हनुमान भक्तों को जय श्री राम जय श्री राम शुभ संध्या वंदन शनिवार भगवान बजरंगबली जी हनुमान जी आपको ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी भक्तों का बारंबार प्रणाम नमन नमस्कार है
आज शनिवार है शनिवार संध्या में आपका वंदन हनुमान जी और शनिदेव जी की आरती के साथ ब्रह्मदत्त
श्री हनुमानजी की आरती
आरति कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपै।
रोग-दोष जाके निकट न झांपै।।
अंजनी पुत्र महा बलदाई।
संतन के प्रेम सदा सहाई ।।
दे बीरा रघुनाथ पठाये।
लंका जारि सिया सुधि लाये ।।
लंका सो कोट समुद्र सीखाई।
जात पवनसुत बार न लाई।।
लंका जारि असुर संहारे।
सिया रामजी के काज संवारे ।।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि सजीवन प्रान उबारे ।।
पैठिपताल तोरि जम-कारे।
अहिरावन की भुजा उखारे ।।
बाईं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संत जन तारे ।।
सुर नर मुनि आरती उतारे।
जै जै जै हनुमान उचारे ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई ॥
जो हनुमान जी की आरती गावै।
बसि बैकुंठ परम पद पावै ।।
लंक विध्वंस किये रघुराई।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई।।
आरति कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।।
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
[संध्या वंदन शनिवार जय शनि
देव
जय शनि देव]
शनिदेव की आरती
जय जय जय श्री शनि देव भक्तन
हितकारी
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी
जय जय जय शनि देव।
श्याम अंक वक्र-दृष्टि
चतुर्भुजाधारी,
नीलाम्बर धार नाथ गज की
असवारी।
जय जय जय शनि देव।
किरीट मुकुट शीश सहज दीपत है
लिलारी
मुक्तन की माल गले शोभित
बलिहारी।
जय जय जय शनि देव।
मोदक और मिष्ठान चढ़े, चढ़ती
पान
सुपारी
लोहा, तिल, तेल, उड़द, महिष है
अति प्यारी।
जय जय जय शनि देव।
देव दनुज ऋषि मुनि सुरत और
नर
नारी
विश्वनाथ धरत ध्यान हम हैं शरण
तुम्हारी।
जय जय जय शनि देव।
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़

Hindi Good Evening by ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ : 111520709
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