# कविता ***
# विषय .आप से सीखें "
हर बात पर ,हौले से मुस्कराना ।
होठ हिलाना ,थोड़ा बल खाना ।।
आँखों में झलके ,यौवन अपार ।
कपोलों पर ठहरी ,चमक बेशुमार ।।
धीरे से खिलखिलाना ,बिना अधर खोले ,जरा मुस्करा देना ।
दिल का चैन लुट ,लेता यह कातिल अदा ।।
ख्यालों में बहक जाना ,टेढी नजर से देखना ।
कोई आप से सीखे ।।
हुस्न की कातिल अदा दिखाना ,फिर पल में दिल लुट लेना ।
कोई आप से ,सीखे ।।
हर बार धीरे से मुस्कराना ,पलकों की तिरछी ,नजर से देखना ।
हर अदा से लुट लेना ,कोई आप से सीखे ।।
अनकही बात पल ,में मनवा लेना ।
आँखों ही आँखों ,से कहर ढाना ।
कोई आप से ,ही सीखें ।।