# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .संचित **
# कविता ***
संचित कर्मो का ,फल तू पा जायेगा ।
भक्ति की ज्योत से ,जीवन सफल बन जायेगा ।।
ईश्वर भक्ति से तू ,पल में मोक्ष पायेगा ।
मेरा मेरा कहता ,सब यही रह जायेगा ।।
तेरा संचित कर्म ,ही तेरे साथ आयेगा ।
परोपकार कर लें ,तू पल में अमर बन जायेगा ।।
मिट्टी के देह को ,ज्यादा मत सजा ।
यह देह भी तेरे ,साथ नहीं आयेगा ।।
अच्छे कर्म कर लें ,दुसरों के दिल में बस जायेगा ।
धर बैठे ही तू ,वैकुंठ पा जायेगा ।।
बंगले ,गाडीयाँ ,बैक बैलेस ,साथ नहीं आयेगा ।
मानव है तो ,मानवता का नाता रख ।।
नहीं तो जीवन भर ,पछताता रह जायेगा ।
तेरे पीछे जग दो आंसू ,बहा कर इतिश्री कर लेगा ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।