# हास्य कविता ***
# विषय .कर्जा "
बैंक का तू कर्जा लेकर ,हो जा अन्तर्धान ।
बैंक वाले तुझें ढूँढ़ते फिरेगें ,बचा ले अपना मान ।।
नाम तेरा चार दिन अखबार में छप जायेगा ,हो जायेगा तू महान ।
करोडो का ईनाम तेरे नाम होगा ,प्रसिद्ध हो जायेगा तेरा नाम ।।
तू तो बस जा विदेश जाकर ,कोई नहीं करेगा तेरी पहचान ।
करोडो का तू मालिक होगा ,संसार करेगा तेरा सम्मान ।।
चार दिन तुझें कोसा करेगें ,फिर भुल जायेगे तेरा नाम ।
तू तो अपना जीवन महकालेगा ,सफल हो जायेगा तेरा जहान ।।