अद्भुत है यह जो भी है,
कहे इसे मोह माया या फिर
प्रभु की पवित्र रचना !
सुना है पहली नजर से शक्यता ज्यादा होती है,
जो कभी वह सालों साथ निभाने से अशक्य रहती ।
यह कोई घटना नहीं ,
ना कोई सोची समझी साजिश ,
ना इसका कभी होता अंजाम !
संभवतः कच्ची उम्र में हो जाए ,
तब उन्हें नासमझदारी कहते ,
अगर गैर धर्म ज्ञाति,जाति में हो
तब बन जाता यह पाप है ।
मजहब नहीं सिखाता नफरत और द्वेष ,
फिर क्यों इस पवित्रता पर
लगाया जाता इतना बुरा लांछन ?
मिलते जब दो पंछी
और गलती से मुस्कुरा देते ,
डरते डरते दिल के हाल को छुपाए रखते ,
कुछ पूरे काफी अधूरे ,
ऐसे ख्वाबों को मन ही मन दफना देते ,
फिर अपने आशिक को ही बेवफा मान जाते !
कामदेव के बाण से मूर्छित है जग सारा ,
घायल बनी कोई राधिका कोई रुकमणी तो कोई मीरा ,
कृष्ण ने सिखाया सबसे ऊपर है प्रेम जहां में ,
फिर सारी दुनिया क्यों बन बैठी दुश्मन ?
अस्तित्व यही मेरी दुनिया है यही मैं करती रहती आराधना !
जीवन भर डूबी रहूं मोहब्बत के दरिया में ,
कितनी खूबसूरत है प्रभु की प्रेम नामक पवित्र रचना !!
💕
Urmi