# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .विलक्षण "
**कविता **
पहाड़ को तू ,तोड़ दें ।
धरती को तू ,फोड़ दें ।।
आकाश के तारे ,धरती पर ला दें ।
नदी की धारा ,को तू मोड़ दें ।।
तू तो विलक्षण ,का धनी रें ।
अपनी हिमंत से ,असंभव को संभव कर दें ।।
निराशावादी मत बन ,आशा के सपने जगा दें ।
इतिहास अपने नाम ,तू पल में लिख दें ।।
परोपकार कर ,नाम तू अमर कर दें ।
देशहित कुछ करगुजर ,अमर शहीद बना दें ।।
दुश्मनों के छक्के छुड़ा ,अपना सही रुप दिखा दें ।
अत्याचार को दूर कर ,सदमार्ग सजा दें ।।
रोते हुए के आंसू पौछ ,पल में उसे हंसा दें ।
भारत का सपूत तू ,जग को बता दें ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।