अगर कुछ करना नहीं ही है तो सिर्फ बड़ी बाते मत करो ,
फिर फ़िज़ूल के चर्चे ओर उसपे बड़े खर्चे भी मत करों।
खामखां बेवजह दुख देता हो तो ; कुछ भी हो ,मत करो ,
होती हो लिल्लाम इंसानियत ऐसे शौक भी मत करो ।
तालियों में भी छिपी होगी चीख उसे अनदेखा मत करो ,
बच्चे, बूढ़े ,ओर स्त्री की इज्जत से खिलवाड़ मत करो ।
बैठो ,कुछ सोचो फिर बोलो बूजरगोका अनादर मत करो ,
मा बाप कैसे भी हो बुढ़ापे में उसको घरसे बाहर मत करो।
ढूंढो खुद को अंदर यू खुद को सरेआम बईमान मत करों,
पैसे को पैसा ही समझो तो अच्छा है , भगवान मत करो , दामन खिल उठेगा,बस अवनी(जमीन) बिखाऊ मत करो ,
भरोसा करो कुदरत पे "हृदय"को इतना कमजोर मत करो ।
" હ્રદય "