#Dare to care for Rare n Fair..!!!
My Touching Poem...!!!
एक अच्छे लेखक के
हज़ारों किससे होते हैं
हर पन्ने में बिखरे पड़े
ज़ख़्मों के हिस्से होते है
रवानी-ए-लहूँ में बहते
ख़्यालों के तिनके होते है
ज़हनों भँवरों में उलझे
हूएँ वक़्त के पुर्ज़े होते है
आह तड़प कशिश दाग
क्या-क्या नतीजे होते हैं
तजुर्बेकी नोकपे पले बड़े
सँभले सिलसिले होते है
मौत को भी मात दिए हूएँ
लम्हों के क़ाफ़िले होते है
एसे ही तो रंदीप-क़ाफ़िए
गुलाम नहीं हो जातें साहब
क़लम से पढ़नेवाले के दिल
तक फ़ासले तय करने होते है
प्रभु भी परखते हज़ार बार
तब जा के कलाम दिल छूते हैं
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