सोच रहा ,एक किताब लिखू,
या सिर्फ तुम्हारी याद लिखू।
तुम बिन जो कटी वो रात लिखू,
या सिर्फ तुम्हारी बात लिखू।।
साथ जो गुजरी वो शाम लिखू,
या सवेरे का वो पैग़ाम लिखू।
वो जो देखे तेरे ख्वाब लिखू,
या अश्कों का मैं हिसाब लिखू।।
दिल में जो है वो अहसास लिखू,
या रूह में बसे जज्बात लिखू।
तुम बिन भीगे वो बरसात लिखू,
या अधूरी सी वो मुलाकात लिखू।
करता हूँ तुमसे कितना प्यार लिखू,
या किया है कैसे मैंने इंतजार लिखू।
तुम साथ नहीं ये मलाल लिखू,
या शब्दों से मैं कमाल लिखू||
शुभ आरडीएक्स