ऊपर वाला तो सबके लिए एकसमान ही है
तो फिर हमारे बिच में यह ऊंच नीच का भेदभाव कैसा ?
किसने बनाई यह जात -पांत और क्यों बनाई?
भाई बोलके खून की नदियां बहाने का यह तुम्हारा न्याय कैसा ?
मिटटी का ही बना है हम सभी का यह जिस्म
तो फिर श्वेत और श्याम वर्ण की यह घटिया सोच कैसी ?
जानना ही है तो अपनी अंतरात्मा को जानो
किसी का पहनावा देखके उसकी पहचान निश्चित करने का हक़ हमारा कैसा ?
जीवन हमें मिला है धर्म का पालन करके मोक्ष की प्राप्ति के लिए
तो फिर आपस में एकदूसरे का बंटवारा करके तुम कहलाओगे महान कैसे ?
anjali.. ✍️