# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .सावधान "
# कविता ***
दिल लगाने से पहले ,सावधान हो जा ।
किसी को अपना बनाने से पहले ,सावधान हो जा ।।
दिल लुटने वाली ,इस जहां में निगाहें बहुत है ।
निगाहें मिलाने से पहले ,सावधान हो जा ।।
दिल बेकरार करने से पहले ,सावधान हो जा ।
दिल को धायल करने ,से पहले सावधान हो जा ।।
प्रेम को अच्छी तरह परख ,फिर आगे बढ़ ।
निगाहें दिल का ,चैन लुट लेती है ।।
फिर मौका मिलते ही ,निगाहें फेर लेती है ।
प्रेम रोग है जटिल ,सावधान हो जा ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।