#જીવંત
जीते थे वो भी,
उसकी आने की आस में ,
जो है सरहद पर वीर जवान,
उसके याद में सदा रहते थे,
वो भी हौंसला बढ़ाते थे
जीने के लिए।
जिंदा है तो आएगे एक दिन,
बल्कि किस्मत की कठनाई
तो देखो मातृ भूमि के लिए
सहीद हो कर तिरँगा में,
लपेट कर आना पड़ा।
फिर भी वो लोग,
उसकी आने की,
चाह में बैठे थे।
फिर बी जिंदा है,
वो लोग,.....
अपनो के लिए।
✍️माही