कभी-कभी पूछता है
मेरा दिल मुझसे
क्यों मैं तुमसे प्यार करता हूँ
क्यों मन में एक उमंग,और
होठों पर मुस्कुराहट आती है
तेरा नाम सुनकर
कभी-कभी पूछता है
मेरा दिल मुझसे
क्यों नदियां आतुर रहती है
सागर से मिलने के लिए
क्यों पलभर की मुलाकात में
कोई अजनबी अपना बन जाता है
क्यो इस प्यासी धरती की
तड़प, बस बादल समझता है
फिर समझाता है
मेरा दिल मुझकों
इसी का नाम तो प्यार है
जिसमे एक नहीं दो दिल
तड़पते हैं, और एक
हादसा होता है, बस....
दो दिल घायल होते हैं
:कुमार किशन कीर्ति,बिहार