किसका भारत है ?
जब बड़े-बड़े नारों के साथ
दो कौड़ी के राजनेता ओं के लिए
हमारे देश के गुमराह नौजवान
तारिफों के पुल बांधते है
तब दिल बहोत दुखता है !
बस कुछ हद तक ठहर जाते
यह पुरी की पुरी सिमा लांघते है
और कहते है
यह इसका भारत है
यह उसका भारत है
तब दिल् बहोत दुखता है
काश इन्हें समझा सकूँ
काश यह समझ सके
यह किसका भारत है ?
यह किसका भारत है ?
ना हवा की पर्वा किए बैगेर
ना बारिश ना बिज़ली और ना तुफान
और इससे भी ख़तरनाक
कुछ जाहीलों,आतंकियो
से डरे बैगेर, बॉर्डर पर
उनका सामना करने वाले
अपना सबकुछ छोड़कर
इस पावन धरती के लिए
जो किसी की माँ है,
किसी के मरने के
बाद की दुनिया है ...
रूहे पाक जमिन है
हमारी हिफाज़त के लिए
मौत से ना डरने वाले
उन सैनिकों का भारत है,
हाँ उन सैनिकों का भारत है,
खुद भुके रहकर
दिन-रात खेतों मे
नंगे पाँव, नंगा बदन है उनका
जो आज तक हमारा पेट पाल रहे है
दिन भर चाहे तेज धुप हो
या हो कोई भी बड़ा तुफान
चाहे सांप हो या बिच्छु
दिन-रात उनमे गुजारने वाले ...
कुछ मौत को अपने गले लगा रहे है
हम कभी उनको न्याय दिला ना सके
हम कभी न्याय उनको दे ना सके
उन किसानों का भारत है
हाँ उन किसानों का भारत है
देश के आजादी के लिए
शहीद हुए उन गुमनाम शहीदो का,
तलवार लेकर बंदुक पहने उन अंग्रेज़ों का
सामना करते शहिद हुए उन अमर जवानों का
उन शहीदों का जिन्होंने
अपने बंदूकों से मोहब्बत करली
जान दे दी, सालों जेल मे काट लिए
लेकिन कभी झुके नही और ना ही कभी
माफी नही मांगी ...
स्वातंत्र्यवीरो और उन महात्मा ओं का जिन्होंने
अपने अहिंसा के दम पर देश को आजादी दिलवाई
यह उनका भारत है
यह उनका भारत है
कोरोना जैसी महामारी से
दो हाथ करने वाले उन
मासूमों का भारत है
हमारी रक्षा के लिए
24 घंटे तैयार रहने वाले
उन पुलिस वालों का
भारत है ।
उन हेल्थ कर्मीयों का भारत है
उन सफाईकर्मी यों का
यह भारत है
हाँ यह उनका भारत है
किन-किन के नाम गिनाऊं
किन-किन के उपकार बताऊँ
यह हमारा भारत है
यह हम सब का भारत है
किसी के बाप का थोड़ी भारत है ...
जब तुम उन दौ कौड़ी
के राजनेता का भारत है
कहते हो मुझे लगता है तुम,
इन बातों से इन्कार करते है ...
तुम्हारे ऐसे कहने से
दिल बहोत दुखता है
((जल्द ही पूर्ण रूप से मातृभूमि पर प्रकाशित)