तेरे प्यार में ,हम रो दिए ।
तुझे अपना बनाने ,हम रो दिए ।।
तेरा प्यार को सजाने ,हम रो दिए ।
तेरी जुदाई में ,हम रो दिए ।।
त़ुझें दिल के आईने में सजा कर ,हम रो दिए ।।
तेरे पर न्यौछावर होने को ,हम रो दिए ।
तुझको अपना नहीं बना सके ,बेवफाई में रो दिए ।।
तेरा सुदंर मुखडा भुला न पाये ,तेरी याद में रो दिए ।
तेरा साथ पल भर का ,पा कर बिछुडने के गम में रो दिए ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।