वो तुम्हारे चेहरे का दीदार
तुम्हारे नज़रों का मिलना और
पलकों का झुकना
तुम्हारे होंठों का रसपान
तुम्हारे बदन का मेरे छूने से सिहरना
तुम्हारी पतली कमर पर उंगलियां फिराना
एकाक तुम्हारा मुझे जोर से जकरना
मेरी आगोश में तुम्हे भरना
जुल्फों को तुम्हारी यूं चेहरे से हटाना
तुमको देखना और देखते ही जाना
बदहवास तुमको चाहना और
तुमको ही चाहना सब कुछ उस वक़्त
खास थी,
वो क्या बात थी।
वो क्या बात थी।
धन्यवाद्
#ArjunaBunty
लाइक , कमेंट ,शेयर , और फॉलो भी कर लें ताकि मुझे ये अहसास हो की लोग मेरा लिखना पसंद कर रहे है।