#आज की प्रतियोगिता "
# विषय .अद्वितीय "
*कविता *
तेरा अद्वितीय प्रेम ,मैं पल में पाया ।
तेरा प्यारा सा दिल ,मैंने पल में खिलाया ।।
तेरी कजरारी नयनों ,में अपनी जगह बना ली ।
तेरी जुल्फों तले ,दिल को सजाया ।।
तेरी चाँद सी मूरत को ,दिल में उतारा ।
तुझें दिल रानी बना कर ,मन में बिठाया ।।
तेरे अद्वितीय रुप को ,नयनों से निहारा ।
तेरे यौवन का महकता ,सावन पाया ।।
तेरे गीतों से ,रोते दिल को बहलाया ।
तेरे अद्वितीय स्नेह में ,दिल को भीगाया ।।
तेरे हुस्न के नखरों से ,खुशियों को खिलाया ।
नवयौवना सी मलिका , का दिल अपना बनाया ।।
अपलक नयनों से तेरे अद्वितीय रुप ,को निहारा ।
तिखे नयनों से ,दिल को खुब भुलाया ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि , अमदाबाद ,गुजरात ।