भुला नहीं सकेंगे वो कल जो आज कुर्बान हो गए
हम भी उसे मान सम्मान दे सकते है...
अब करना है बहिष्कार उस बैरी का
नहीं लेना कुछ भी उस शत्रु के दर से
हम भी खड़े है अपने देश और उन
नौजवानों के साथ जो दिन रात करते है
देश का रक्षण...
बिना कोई स्वार्थ बिना हिचकिचाएं अपने
स्वजन से दूर जाकर करते है देश के लिए समर्पण...
लाख लाख प्रणाम उन लोगों को जो
दुश्मन से बचाते है हमे और हमारे वतन को