#देह_की_दहलीज_पर
सही मायनों में जीवनसाथी का मतलब है एक दूसरे की हर परेशानी को समझ कर सहयोग करना, दाम्पत्य जीवन की साझी परेशानियों के इतर भी खुलकर बात करना। कामिनी और मुकुल हमेशा ही पति पत्नी होकर भी अच्छे दोस्त रहे हैं। अब ऐसा क्यों हो रहा है? कामिनी अक्सर सोचती कि छः बाई छः की नितांत अपनी परिधि में दुनिया जहान की सारी समस्याओं का हल मिल जाता है, किन्तु यहाँ उपजी समस्या का हल ढूँढने कहाँ जाएं?
आज शाम पढ़िए उपन्यास की अगली कड़ी...