... तो बेहतर है।।।
सरापा इश्क हूं मैं अब बिखर जाऊं तो बेहतर है
जिधर जाते हैं यह बादल उधर जाऊं तो बेहतर है
ठहर जाऊं यह दिल कहता है तेरे शहर में कुछ दिन
मगर हालात कहते हैं कि घर जाऊं तो बेहतर है
दिलों में फर्क आएंगे ताल्लुक टूट जाएंगे
जो देखा जो सुना इस से मुकर जाऊं तो बेहतर है
यहां है कौन मेरा जो मुझे समझेगा " फराज "
मैं कोशिश करके अब खुद ही संवर जाऊं तो बेहतर है