होती है दर्द कि भी भाषा अगर पढ़ने आए तो...
कभी कोई बंजर भूमि को देखकर सोचा है ऐसी हालत
क्यू है...
कभी कोई सूखे पेड़ को देखकर ही समझ जाओगे
कैसा लगता है...
कभी कोई बीमार को देखो ऐसे ही समझ जाओगे
उसका दर्द...
कभी कोई गरीब की आंखोमें झांको कितनी मजबूरी है
पता चलेगा...
यही होती है दर्द की भाषा दिल में संवेदना लाओ फिर
समज पाओगे दर्द की भाषा...