# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .आगे "
** कविता **
देखो आगे ,होता है क्या ।
खुलापन आगे ,निभता है क्या ।।
आपसी मेल मिलाप ,होता है क्या ।
स्वच्छता का ध्यान ,रहता है क्या ।।
मास्क का उपयोग ,होता है क्या ।
भाईचारा अब ,अब निभता है क्या ।।
विश्व संकट से ,उबरता है क्या ।
मानव खुशहाल ,रहता है क्या ।।
मुक्त आनंद ,मिलता है क्या ।
प्रकृति मेहरबान ,होती है क्या ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।