तुम समझते नही मेरे जज्बात
देखते नही मेरे हालात
सुनते नही मेरी खामोशी
भरते नही मेरा खालीपन
महसूस नही करते मेरा दर्द
थमाते नही मेरे हाथ
सहलाते नही मेरा सर
हाथ फेरते नही बालो में
निहारते नही काला तिल
डूबते नही गहरी आँखों
चूमते नही सुर्ख लब
सुनाते नही कविताये
बहुत बदल गए हो तुम
जैसेबिछड़ गए हो तुम
Surya shukla