# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .खुद "
** कविता **
खुद पे तू ,भरोसा रख ।
खुद की तू ,पहचान बना ।।
खुद ही कर्म ,कर कर्मशील बन ।
खुद की हिमंत ,से आगे बढ़ ।।
जमाने की ठोकरों ,से खुद तू सीख ।
खुद पत्थरों से ,पानी निकालना सीख ।।
खुद के बलबुते पर ,मनसुबें बना ।
खुद के कर्मो से ,महान बन ।।
खुद के बलबुते पर ,धन को पैरों में बरसा ।
खुद के बुते पर ,ओरों को अपना बना ।।
बृजमोहन (बृजेश ) ,रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।