#__मा की गोद से उठ जा नन्हे परिंदे वखत आ गया है दुनिया की
दीवारों पर मा का नाम लिखने का

#__अब तक सो रहे थे तुम नन्ही जान मा की गोद में......
धूप आए तो शीतलता का रूप भी लिया मा ने और..
सर्दी में सुबह के सूरज की किरणे
भी तुम तक पहोचाए मा ने......

#__साम को तेरे ना सोने पर दाट
कर सुलाया भी है मा ने और
रात को तरे जग जाने पर लोरी सुनाकर सुलाया भी मा ने

#__जब सरारत करते थे तो "यहां आ नहीे मरुगी "कह कर पीटा भी है मा ने और.....
पापा की मार से बचाया भे है मा ने

#__ अगर लाख गलतियां भी है तरे अंदर तो दुनिया से छुपाया भी है मा ने......और
अकेले में तेरी अच्छी बुरी बात बताई भी है मा ने

#__ अब उठ जा नन्हे परिंदे मा की गोद से और ....
लिख डाल पूरी दुनिया की दीवारों पर तेरे भगवान का नाम

(वैसे मा को सिर्फ महेसुस कर सकते है। पर मैने जो महेसूस किया सब्दो के रूप में लिखा है।)

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Hindi Poem by Mr.S.S.Patel : 111445240
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