अपने हक के लिए लड़ना गुना है तो हा में गुनेहगार हु
अपनी मर्जी के मुताबिक जीना गुनाह है तो हा में गुनहगार हु ।।
बेटी को बोझ समजकर कोंख में ही मार डालना
दहेज की लालच पर बहुओ पर जुलम ढालना
हवस भरी नजरोसे औरत पर बुरी नजर डालना
इसके आगे आवाज उठाना गुनाह है .... तो हा में गुनहगार हु ।।
औरत महोब्बत भी करे तो कहते है क्या क्या?
और मर्द कोठे पर भी जाए तक बात क्या !
औरत के सर से पल्लू भी गिरे तो आवारा -बददचलन
और मर्द नंगे बदन भी गुम तो फैशन !
इस फेदभाव को तोड़कर आगे बढ़ना गुनाह है ... तो हा में गुनहगार हु ।
हा औरत हु में पर कमजोर नही
है औरत हु में पर लाचार नही
है औरत हु में पर व्यवहार नही
है औरत हु में पर व्यापार नही
ये समझने वालों को मोहतोड़ जवाब देना गुनाह है तो हा में गुनेहगार हु ।।
तेरे लिए में मीट भी सकती हू
तेरे लिए में लड़ भी सकती हूं
तेरी लंबी उम्र की दुआ के लिए
में कई दिन भूखी रह भी सकती हूं
पर मेरे सन्मान पर आन पड़े तब बगावत करना गुनाह है तो हा में गुनेहगार हुए ।।