बाहों में एक दूसरे के को सुकून मिलता था,
अब वो सुकून कहां है ?
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मासूमियत से हमारे रिश्ते में जो नूर बरसता था,
अब वो मासूमियत कहां है ?
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शिद्दत से को रिश्ते की गहराई को नापा जाता था,
अब वो शिद्दत कहां है ?
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आंखों से जो एहसासों को बयां किया जाता था,
अब वो एहसास कहां है ?
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कह रही हूं मैं तुमसे,
खोखला हो गया है हमारा रिश्ता,
क्यूंकि इसमें अब वो सच्चाई कहां है ?
- सलोनी ❤️
#Kavyotsav2