My New Poem...!!!
हाँ में माँ हूँ ममता की जनेंता हूँ
#Heard हर एक की बात करती हूँ
में बह जाती हूँ नदी की तरह
उठ जाती हूँ पहाड़ की तरह
ठहर जाती हूँ समुद्र की तरह
खिल जाती हूँ फ़ुलो की तरह
गिरके भी सँभलती हूँ झरनेकी तरह
बरस-सी जाती हूँ बादल की तरह
क्रोधमें फ़ट पड़ती हूँ बिजलीकी तरह
अन्यायसे भड़क उठती हूँ अग्निकी तरह
दु:ख सब सह जाती हूँ धरती की तरह
नारी हूँ आज्ञाकारी हूँ संस्कारी भी हूँ
प्रभु जी की बनाई बेहतरीन रचना हूँ
असह्य दर्द सह कर भी वंश बढ़ाती हूँ
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#Heard