कविता ..
विषय .मानवता ।
प्रेम का रंग तुम ,चढ़ा कर देखो ।
प्रभु को अपना ,बना कर देखो ।।
पता चलेगा दुनिया ,कितनी हसीन है ।
भक्ति को गले ,लगा कर देखो ।।
गिरे हुए को राह से ,उठा कर तो देखो ।
दुखियों को गले ,लगा कर तो देखो ।।
पता चलेगा ,इंसानियत क्या होती है ।
भुखे को एक निवाला ,खिला कर देखो ।।
प्यासे को पानी ,पीला कर तुम देखो ।।
मानवता के फूल ,दिल में खिला कर तो देखो ।
दिल में कितने सुकून ,के पल खिलते है ।।
दानवता को दिल ,से छोड़ कर तो देखो ।
जन्नत का सुख ,इसी धरा पर मिलता है की नहीं ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ।