# आज की प्रतियोगिता " # विषय .द्वेष "
# छंदमुक्त कविता ***
मानव को राग द्वेष ,दिल में नहीं रखने चाहिए ।
सभी से स्नेह का ,नाता रखना चाहिए ।।
सभी से भाईचारे का रिश्ता ,रखना चाहिए ।
सभी से मानवता का ,नाता रखना चाहिए ।।
राग द्वेष दिल में ,दानवता पैदा करते है ।
अपनों से भी पल में ,दूर करते है ।।
राग द्वेष अभिमान ,को पैदा करते है ।
अभिमान ही मानव ,का पतन करता है ।।
स्नेह ,करुणा ,दया ,के भाव ,दिल में लाने चाहिए ।
तभी आपका जीवन ,मधुवन की तरह महकेगा ।।
अन्यथा राग द्वेष की ,होली में खुद जल जाओगें ।
मानवता ही सबसे ,महान गुण है ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ।