[🔨कल का सच/एवं सच्चाई ब्रह्मदत्त]
❗ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़: ❗
19000 /(रफ्तार=उन्नीस हजार प्रति किलोमीटर)किमी की स्पीड, पृथ्वी की तरफ
आ रहा हिमालय पर्वत से बड़ा उल्कापिंड,
24 घण्टे से भी कम समय बचा है
प्रस्तुति ÷ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
ठीक एक दिन बात 29 अप्रैल की तारीख है, पिछले कई
हफ्तों से सोशल मीडिया पर एक खबर चल रही है कि
धरती पर 29 अप्रैल को प्रलय आने वाला है. अब वह
दिन आने वाला है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के
अनुसार, एक उल्कापिंड 29 अप्रैल को पृथ्वी के बेहद
करीब से गुजरने वाला है. बताया जा रहा है कि इस
उल्कापिंड की स्पीड 19,000 किलोमीटर प्रति घंटा
होगी.
अब एक दिन बाद इसका समय आने वाला है, इससे
पहले वैज्ञानिक इसे पृथ्वी से दूर रखने के लिए पूरी ताकत
झोंके हुए हैं. हालांकि वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि
घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस उल्कापिंड के
धरती से टकराने की संभावना बेहद ही कम है. अब
इसके पृथ्वी के करीब से गुजरने में 24 घंटों से भी कम
का समय रह गया है.
वैज्ञानिकों को सिर्फ इतना ही डर है कि यदि यह
उल्कापिंड अपना थोड़ा-सा भी स्थान परिवर्तन कर लेता
है तो पृथ्वी पर तबाही मच सकती है. भारत समेत
दुनियाभर के दिग्गज वैज्ञानिक इस उल्कापिंड की ओर
अपनी गहरी नजर बनाए हुए हैं. नासा के अनुसार, यह
विशालकाय उल्कापिंड 24 अप्रैल की सुबह साढ़े पांच
बजे पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा.
साल 2013 में भी गुजरा था ऐसा ही उल्कापिंड
इससे पहले साल 2013 में भी एक ऐसा ही उल्कापिंड
पृथ्वी के करीब से गुजरा था. यह उल्कापिंड पृथ्वी के
इतने करीब से गुजरा था कि इसे शाम के वक्त आसमान
में साफ-साफ देखा गया था. इस उल्कापिंड ने अपने
गुजरने के बाद आसमान में पीछे धुंए का कई किलोमीटर
लंबा, घना और सफेद, चमकदार बादल छोड़ा था.
आसमान में यह एक हैरान करने वाली घटना थी. इसे
जिन लोगों ने देखा था वह सभी काफी घबरा गए थे.
घटना रूस Russia के Chelyabinsk में 15 फरवरी
2013 को घटी थी. तब रूस में लोगों ने गाड़ी चलाते
समय अपने मोबाइल के कैमरे में इस घटना को रिकॉर्ड
भी किया था. इसके बाद यह फोटो इंटरनेट पर वायरल
हो गया था.
वीडियो में देखा गया था कि वह उल्कापिंड बिजली की
रफ्तार से पृथ्वी के वायुमंडल में घुसा था. यह लोगों को
अचानक ही नजर आया और पल झपकते ओझल हो
गया था. लेकिन इन महज 5 सेकेंड्स में ही उसका प्रभाव
देख लोग दंग रह गए थे. इसके गुजरने के साथ ही
आकाश में अचानक तेज रोशनी और जोरदार आवाज
आई था. ऐसा लगा था मानो आसमान टूट पड़ा हो.
इन 5 सेकेंड में ही रूस का करीब 10 किलोमीटर का
क्षेत्र दहल गया था. आस-पास के घर, दफ्तर आदि
क्षतिग्रस्त हो गए थे. इसके अलावा हजारों लोग घायल हो
गए थे. हालांकि गनीमत यह रही कि यह पृथ्वी से काफी
दूर था और पृथ्वी पर गिरा नहीं था वर्ना बड़ी तबाही हो
सकती थी.
प्रस्तुति-ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़