कविता ..
विषय .उज्जवल .
परोपकार ही ,मानव को उज्ज्वल बनाता ।
मानवता ही ,मानव को महान बनाता ।।
भुखे को रोटी देना ,जीवन उज्जवल करता ।
रोते हुए के आँसू पौछना ,आदर्श मानव बनाता ।।
देश हित प्राण लुटाना ,जीवन उज्जवल करता ।
मरने के बाद भी उसे ,सदा अमर बनाता ।।
प्रभु भक्ति ही शरीर ,को उज्जवल करता ।
मोक्ष देकर उसे ,जन्म मरण से छुड़ाता ।।
मानव अपने कर्मो से ,सदा उज्जवल दिखता ।
सदाचार अपना कर ,पल में सदगुणी बनता ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।