सुख दुख़ निभाना तो कोई
फूलों से सीखे साहब! ब्रह्मदत्त
त्यागी
सुख दुख़ निभाना तो कोई फूलों से सीखे साहब !,
बारात हो या जनाज़ा.. साथ ज़रूर देते हैं.......
सुप्रभात का उजाला सदा आपके
साथ हो
हर दिन का लाख लाख पल आप
के लिए कुछ खास हो
दुआ हमेशा निकलती है दिल से
आप के लिए
ढेर खुशियों का खज़ाना आपके पास
हो ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़