आज ना मै हिंदू हूँ,
ना मुस्लिम हूँ,
ना सिक्ख हूँ,
ना ईसाई हूँ,
ना साधू हूँ, ना संत हूँ,
ना ही दानव या शैतान हूँ,
आज मै अपने आप को बचाता हुआ,
मात्र एक असहाय इंसान हूँ,
आज मै काल जो सर पर है,
उससे अपने आप को बचाता हुआ,
मात्र एक असहाय इंसान हूँ।
-Krishna Katyayan