लक्ष्मण रेखा को समर्पित एक विचार....
सीता माता को छल से बाहर बुलाकर रावण असली रूप में आ गया, अट्टहास सुन माता को संकट का भान हुआ..... पर कल्पना कीजिये अचानक माता ने रावण के पीछे देख कहा.... हे आर्यपुत्र आप आ गये.... और जैसे ही रावण चौंककर पीछे देखने मुडा़.माता दौड़कर तुरंत पुनः लक्ष्मण रेखा के अंदर चलीं गयीं..... अब माता क्रोधित नेत्रों से रावण को देख रहीं हैं और रावण भयभीत नेत्रों से माता को देख रहा है..........!!!!!!
( एक लक्ष्मण रेखा आपका इतिहास बदल सकती है) ....
लक्ष्मण रेखा में रहें सुरक्षित रहें...... ॐ॥