वार पर वार करते हैं वो
जख्मों का हिसाब भी नहीं रखने देते हैं वो
कहा जब उन्हें, मरहम तो लेने दो हमें ,
बड़ी मासूमियत से दिए गए जख्मों को , नजरअंदाज कर देते हैं वो ।
कहा हमने , पाप है अपनों को जख्म देना इस तरह
तब , अपनो की तरह हंस देते हैं वो ।
सुरेंद्र कुमार अरोड़ा
डी - 184 , श्याम पार्क एक्सटेंशन , साहिबाबाद - 201005 ( उ । प्र ) मो :