लोग कहते थे बेकार का काम करते रहते हो, यह सब लिखते रहते हो.. सुनकर अच्छा तो नहीं लगता था लेकिन फिर भी सुन लेता था, अभी भी कई लोग कहते हैं लेकिन मैं चुप रहता हूं क्यूंकि मैं जानता हूं मुझे क्या अच्छा लगता है इसलिए मैं वही करता हूं जो मुझे अच्छा लगता और बदले में क्या मिला यह अलग बात है, लोग प्यार भी तो फालतू में करते हैं बाद में धोखा मिलता है फिर रोते घूमते हैं, ऐसा कहानियां लिखने से तो नहीं होता, बड़ा अच्छा लगता है जब लोग आपको पढ़ते हैं सुनते हैं और आपके बारे में बातें करते हैं, मैं एक बार फिर अपने पाठकों को धन्यवाद करूंगा जिन्होंने मेरी एक छोटी सी कहानी को इतना सराहा और मैं एक तुच्छ लेखक अभी तो तुच्छ ही हूं उसको आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया | कुछ लोग इस पर भी कहेंगे कि इसमे क्या बड़ी बात है, लेकिन मेरे लिए बड़ी बात है |
धन्यवाद आप सबका और मातृभारती का | 🙏🙏