#श्रीरामचरितमानश
गुरूजनों व मित्रों के साथ निर्मम छल से अपहरण करके मिले सिंहासन पर बैठा व चाटुकारों से घिरा हर रावण अपने हित की बात को अपनी असुरक्षाग्रस्त सत्ता के विरुद्ध समझता है ! युगों से न सत्ता बदली न विदुर🙏
“सचिव बैद गुर तीनि जौं प्रिय बोलहिं भय आस,
राज धर्म तन तीनि कर होइ बेगिहीं नास ।।