"दीप से दीप जलेगा"
देश पर गम के बादल छाए हुए हैं
कोरोना से सब घबराए हुए हैं।
दर्द देश का बढ़ता जा रहा, दिन हो रहे भारी
ज्योतिष, अध्यात्म की गाड़ी में सब, करने लगे सवारी।
मोदी जी करें एलान, समूचा भारत खड़ा हो गया सीना तान
ऋषि मुनियों की भारत भूमि, अध्यात्म, तप इसकी पहचान।
लक्ष्य की लौह से, अस्तित्व का दीप जलाना है
मंगल ही मंगल होगा, मंगलाचरण गाना है।
बड़े-बड़े रोगों पर यहाँ,जप तप और योग से काबू पाया है
बाबा रामदेव ने योग में, भारत को विश्वगुरु बनाया है।
5 और 4 मिलकर बना 9 अंक मंगल का, नौका पार लगाएगा
9बजे 9मिनट,हर भारतवासी दीप जलायेगा।
दीप से दीप जलेगा, कोरोना पर होगा प्रहार
ॐ के उच्चारण में, नई ऊर्जा का होगा संचार।
अंधकार मिट जाएगा, मानव जीवन पड़ा अपार
नई किरण, नया सवेरा, अच्छा स्वास्थ्य भारत को स्वीकार।
जगदीप सिंह मान 'दीप'