रात भर #भावुकता ,
भरी बातें करते हैं वो।
सुबह होते ही,
दाल रोटी के लिये बस,
तरह तरह से लड़ पड़ते हैं वो।
उनका प्यार बस इतना ही ,
#भावुकता को नहीं चुनता ,
उन लम्हों को नहीं चुनता शोभा,
जो देते हैं जीने के लिये अमृत,
फ़कत दाल रोटी में हो जाता है गर्क,
बेरंग सा और एक दिन बीत जाता है।
प्यार और धरातल में धरातल जीत जाता है।
क्या है जरुरी जीने के लिये ?
मैं कहूँ प्यार और #भावुकता !
वो कहें नून, तेल और दाल रोटी !!!
शोभा शर्मा
दि. 04/04/20
#भावुकता