अपने मन की #रानी हूँ मैं,
जो चाहूँ मैं यार करुँ।
चाहे लगाऊँ झाडू पौंछा,
चाहे बरतन धो कर रखूँ।
इस क्वेरंटाईन के वक्त ,और क्या
यही तमाम काम करूँ।
नहीं वक्त है सजने संवरने का,
लिखने पढ़ने का कैसे ध्यान धरूँ।
अपने घर की #रानी हूँ जी,
सबको खिला पिला कर तृप्त करूँ।
#रानी