नींद ना आने की वजह भी तुम थी,
नींद ना आने की वजह भी तुम हो...
धूल पड़ी किसी किताब मे मैं मिल जाऊँगा,
मेरे तो हर एक पन्ने मे तुम हो...
ज़िक्र जुबान भूलती नहीं मेरी,
ज़ायका है, ऐसे कैसे हजम हो...
कोना कोना तुम्हारे नाम का है मेरा,
रख के परे मुझे, कैसे ख़तम हो...