भगत सिंह ,राजगुरु और सुखदेव जी ने हमारे लिए अपने प्राणों को भी न्योछावर कर दिया
देश के लिए जिन्होंने हँसते-हँसते फांसी के फंदे को भी चूम लिया
उनके बलिदान को ना ये राष्ट्र भूल पायेगा
उनका जो हम पर ऋण हैं उसे न कोई उतार पायेगा
आओ मिलकर उनके सपनों का भारत बनाये
जो कुछ भटक गये उन्हे भी उन्हे भी सही राह पर लाये
अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर अपना भारत शक्तिशाली बनाये
मानवता का पाठ पढाने को आओ विश्व का नेतृत्व करने का मन बनाये