सम्बन्धो के बाजार से में लौट रहा था
रास्ते में तन्हाइयो से मुलाकात हो गई,

तन्हाइने मुझे पूछ लिया इतने खुश क्यू हो
कुछ बेचके आये या खरीद के,

मेने कहा ना बेच के आया हु ना ख़रीद के आया हु
फिर उनके हाथ नीलाम होके आया
जो कभी मेरे लिए #सही ही नही है।
नरेंद्र जोशी

Hindi Blog by Narendra joshi દેશી : 111371869

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